उड़ उड़ रे
उड़ उड़ रे महारा कला रे कागला
कद म्हारो पीवजी घर आवे
कद म्हारो पीवजी घर आवे
घिरत खान्दर जीमन जिमायुं
सोने में चोंच मंदायुं कागा
जद महारा पीवजी घर आवे
पांव रे थारे बांधू रे घुघरा
गले मैं हार पह्नावुन कागा
जद महारा पीवजी घर आवे
जो तू उडकर सुगन मनावे,
जनम जनम गुण गावुन कागा
जद महारा पीवजी घर आवे
रूपन मैं थारो पंख जदावुं
नीलम मैं पांव जदावुं कागा
जद महारा पीवजी घर आवे
उड़ उड़ रे महारा
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